रिपोर्ट के मुताबिक, 2008 से 2019 तक, हर साल 33,000 से अधिक मौतों का कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन की 15 माइक्रोग्राम प्रति से अधिक पीएम (Particulate Matter) 2.5 है, जिससे खतरे बढ़ने की आशंका ज्यादा है.
रिसर्च में खुलासा किया कि, दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, शिमला समेत देश के 10 शहरों में खराब हवा की वजह से इन शहरों में 33 हजार जानें गईं.
भारत की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा चौंका देने वाला रहा. हर साल 12,000 मौतें, देश में हुई कुल मौतों का 11.5 प्रतिशत है.
जारी आंकड़ों के अनुसार वायु प्रदूषण से मुंबई में हर साल करीब 5100, बेंगलुरु में 2,100, चेन्नई में 2900 और कोलकाता में 4700 लोगों की जान गई. सबसे कम वायु प्रदूषण हिमाचल की राजधानी शिमला में देखा गया है.