फिल्में तो आप देखते ही होंगे, या तो सिनेमा हॉल में या फिर घर पर ही टीवी पर देखते होंगे. मनोरंजन के साथ-साथ रूटीन लाइफ से हटकर फुर्सत के ये पल हमें रिफ्रेश कर देते हैं.
क्या आपने कभी सोचा है कि मौत के बाद भी इस तरह के रिक्रिएशन और रिफ्रेशमेंट की जरूरत पड़ सकती है? नहीं ना, पर थाईलैंड में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है.
यह स्क्रीनिंग पूर्वोत्तर थाईलैंड के नाखोन रत्चासीमा प्रांत में स्थित इंटरनल रेस्टिंग प्लेस में 2 से 6 जून हुआ था, यहां पर 2,800 कब्रें हैं और सभी के लिए कुर्सियां लगाई गई थी.
इस दौरान हर दिन शाम 7 बजे से आधी रात तक फिल्में दिखाई गई. इसके अलावा मृतकों के लिए खाना, मॉडल घर, गाड़ी, कपड़े और दैनिक जरूरत के सामान भी रखे गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, ओपन-एयर शो के दौरान केवल चार स्टाफ सदस्य मौजूद थे. इस डरावनी स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन सवांग मेट्टा थम्मासथन फाउंडेशन द्वारा किया गया था
दावा किया जा रहा है कि कब्रिस्तान के अधिकारियों ने खाली कुर्सियां बिछा दी थीं, ताकि मरे हुए लोगों की आत्माएं उनपर बैठकर फिल्म देखने का आनंद ले सकें.
इस कार्यक्रम के आयोजक ने बताया कि शुरू में उन्हें कब्रिस्तान में फिल्म दिखाने को लेकर डर लगा था, लेकिन समय बीतने के साथ उन्होंने अपने अनुभव को अनोखा और सकारात्मक बताया है.