20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिक अल्‍बर्ट आइंस्‍टीन का एक पत्र नीलाम होने वाला है.

अल्‍बर्ट आइंस्‍टीन ने एक ऐसा खत अमेर‍िकी सरकार को लिखा था, जिसे पढ़कर अमेर‍िका ने दुनिया का पहला परमाणु बम बना ल‍िया.

अब इस खत को नीलामी के ल‍िए रखा जाएगा, लेकिन आइए जानते हैं क‍ि आइंस्‍टीन ने आख‍िर इस खत में ऐसा क्‍या ल‍िखा था? और बाद में उन्‍होंने खेद क्‍यों जताया.

रिपोर्ट के मुताबिक, अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1939 में यह पत्र तत्‍कालीन अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट को लिखा था. 

खत में उन्‍होंने राष्‍ट्रपत‍ि को चेतावनी देते हुए लिखा था, ‘नाजी जर्मनी महाव‍िध्‍वंसक हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है. वे बना भी सकते हैं. 

आगे पत्र में लिखा था कि, अमेर‍िका को भी अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू करना चाहिए. एक नए प्रकार के अत्यंत शक्तिशाली बम का निर्माण किया जा सकता है.’

इस पत्र के ठीक तीन साल बाद अमेर‍िका ने मैनहट्टन में एटामिक रिसर्च सेंटर खोला और चंद महीनों बाद उन्‍होंने परमाणु बम बना ल‍िया. 

परमाणु बम का पहला प्रयोग 1945 में जापान के ह‍िरोश‍िमा और नागासाकी में क‍िया गया, जिसमें हजारों लोग मारे गए. आज भी दुनिया उस घटना को याद कर कांप उठती है.

लेकिन कहा जाता है क‍ि बाद में आइंस्‍टीन इस बात से बेहद दुखी थे, क्‍योंक‍ि उनकी वजह से अमेर‍िका ने विध्‍वंसक परमाणु बम बना ल‍िया, जिससे हजारों लोगों की मौत हो सकती थी.

1947 में उन्होंने कहा था, अगर मुझे पता होता कि जर्मन परमाणु बम बनाने में सफल नहीं होंगे, तो मैं कभी भी राष्‍ट्रपत‍ि को इसके ल‍िए नहीं उकसाता.

अल्बर्ट आइंस्टीन का यह पत्र माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक पॉल एलन की कलाकृतियों की नीलामी के हिस्से के रूप में बेचा जा रहा है, जिनकी 2018 में 65 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी

हालांकि, आइंस्‍टीन का लिखा खत नीलामी का मुख्‍य आकर्षण होगा. एक्‍सपर्ट का मानना है क‍ि नीलामी में यह 6 मिलियन डॉलर यानी लगभग 50 करोड़ रुपये में बिकेगा.

वास्‍तव में इस खत को हंगरी के भौतिक विज्ञानी लियो सिज़लार्ड ने अन्य वैज्ञानिकों की मदद से लिखा था. लेकिन इस पर अल्‍बर्ट आइंस्‍टीन के हस्‍ताक्षर थे. इस पत्र को 2 अगस्त 1939 को लिखा गया था.