भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज हो चुका है.
सिकंदर ने मेसिडोनिया, ग्रीस से दुनिया जीतने के अपने अभियान की शुरुआत की थी.
उसकी शक्तिशाली सेना 327 ईसा पूर्व तक ईरान से जीतते हुए हिन्दुस्तान के करीब पहुंच चुकी थी.
लेकिन, कई राजाओं ने तो लड़ने से पहले ही उसके समर्पण कर दिया. वहीं, राजा पोरस ने युद्ध में उसे कड़ी टक्कर दी लेकिन नतीजा सिकंदर के पक्ष में रहा.
हालांकि, इतिहास में हिन्दुस्तान की एक ऐसी नदी भी दर्ज है, जिसे दुनिया जीतने वाला सिकंदर भी पार नहीं कर पाया. आइए जानते हैं वो किस्सा.
सिकंदर को अपने हिन्दुस्तान के अभियान में तक्षशिला के राजकुमार से काफी मदद मिली. सिकंदर के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने के लिए उसने सिकंदर को 65 हाथी भेंट किए.
दरअसल, वो ऐसा इसलिए कर रहा था ताकि उसे दुश्मन पोरस से लड़ाई में सिकंदर का साथ मिलें. ऐसा ही हुआ भी.
मेहमाननवाजी से खुश होकर सिकंदर आगे पोरस से लड़ने के लिए बढ़ गया. पोरस के साथ हुई लड़ाई ने सिकंदर के आगे के हिन्दुस्तान अभियान का रूख तय किया.
सिकंदर और पोरस की लड़ाई झेलम के नदी पर लड़ी गई थी. ग्रीस के राजा के सामने नदी पार करने और हाथियों की एक बड़ी चुनौती थी. लेकिन वो एक सक्षम सेनानायक था.
तेज आंधी और तूफान की आड़ में उसने अपनी सेना को नदी पार करा दी.
इस भीषण लड़ाई में दोनों तरफ के कई लोग मारे गए और बड़ी संख्या में लोग हताहत भी हुए. लड़ाई में सिकंदर के बुसेफ़ेल्स घोड़े की भी मौत हो गई.
अपने घोड़े की याद में सिकंदर ने युद्ध मैदान के पास एक नए शहर की स्थापना की और उसका नाम बुसेफ़ेल्स रखा. अंत में सिंकदर की जीत हुई.
सिकंदर इससे आगे भी बढ़कर गंगा के तट तक जाना चाहता था लेकिन वो हाइफैसिस नदी के आगे भी नहीं जा पाया. जिसकी वजह से उसे वापस जाना पड़ा.