पाकिस्तान के इस काम में अमेरिका ने लगाई रोक, बौखलाए शहबाज शरीफ
अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम के लिए टेक्निकल सप्लाई कर रहे बेलारूस की एक और चीन की तीन कंपनियों पर बैन लगा दिया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार शाम को दावा किया था कि बेलारूस की एक और चीन की तीन कंपनियां पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद कर रही थीं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का मकसद सजा देना नहीं बल्कि कंपनियों के रवैये में पॉजिटिव चेंज लाना है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जब इस प्रतिबंध की जानकारी दी गई तो पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी विदेश मंत्री मुमताज जहरा बलूच के जरिए एक बयान जारी किया.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "हम एक्सपोर्ट कंट्रोल का राजनीतिक इस्तेमाल को खारिज करते हैं.
यह जग जाहिर है कि यही देश जो परमाणु हथियार पर नियंत्रण का कड़ाई से पालन करने का दावा करते हैं.
वो कुछ देशों के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी के लिए लाइसेंस की जरूरतों को भी माफ कर दिया है."
बयान में आगे कहा गया कि इस तरह के भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण और दोहरे मानक से परमाणु हथियार पर नियंत्रण रखने वाली ऑथेरिटी की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं.
साथ ही इस तरह से सैन्य असमानता को बढ़ावा देने से क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और सुरक्षा के उद्देश्य भी कमजोर होते हैं.
इससे पहले भी बिना कोई सबूत दिखाए कुछ कंपनियों को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम से जुड़े होने के आरोप लगाते हुए प्रतिबंधित कर दिया गया था.
हालांकि, हम अमेरिका के नए नियम-कानूनों की बारीकियों से अवगत नहीं हैं. लेकिन इससे पहले भी हमने कई बार देखा है कि केवल संदेह के आधार पर कार्रवाई की गई है.
पाकिस्तान कई बार एक्सपोर्ट कंट्रोल के मनमाने ढंग के आवेदन से बचने और सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यों से जुड़े जरूरी
टैक्नोलॉजी पर गलत प्रतिबंधों से बचने के लिए एक मैकेनिज्म बनाने और संबंधित पक्षों के बीच बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया है.
पाकिस्तान एंड यूज और एंड यूजर वेरिफिकेशन यानी निर्यात हो रहे वस्तु का अंतिम इस्तेमाल और
कौन इस्तेमाल करेगा पर चर्चा करने के लिए तैयार है जिससे एक्सपोर्ट कंट्रोल के भेदभावपूर्ण रवैये से नुकसान न हो.