क्या आप भी खाने की चीजों में एनिमल फैट की मिलावट से डरते हैं? तो ऐसे करें पता
एनिमल फैट क्या होता है और इसका कैसे इस्तेमाल होता है.
तो आपको बता दें कि जब किसी डेयरी प्रोडक्ट को बनाने के लिए नॉन डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, उसे फॉरेन फैट कहा जाता है.
बता दें कि भैंस, भेड़, बकरी, गाय और हिरण जैसे जुगाली करने वाले जानवरों की चर्बी यानी फैट को बीफ टैलो कहते हैं. यह नॉर्मल टेंपरेचर पर एक सफेद रंग की चर्बी होती है.
इस चर्बी को इन जानवरों के रंप रोस्ट, पसलियों और स्टेक के टुकड़ों से निकाला जाता है. इस फैट को उबालकर घी की तरह बनाया जाता है.
विदेशों में ये काफी खाया जाता है. वहां कई लोग ब्रेड में मक्खन के तौर पर बीफ टैलो का इस्तेमाल करते हैं.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर शुद्ध और मिलावटी की पहचान कैसे होती है. वैसे तो घी शुद्ध है या उसमें एनिमल फैट मिला हुआ है, ये पहचानना आसान नहीं है.
क्योंकि मिलावट करने वाली कंपनियां इसको इस तरीके से मिलाकर पेश करती हैं, जिसको पहचानना मुश्किल होता है.
वहीं हर चीज का लैब टेस्ट होना भी मुमकिन नहीं है. हालांकि कई बार बार अपनी सूंघने की शक्ति का इस्तेमाल करके पता करने की कोशिश कर सकते हैं.
इसके अलावा एक सफेद कागज पर एक चम्मच घी फैला देना चाहिए. इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें.
वहीं अगर आप कागज पर कोई धब्बा देखते हैं, तो समझ जाइए कि आपके घी में मिलावट है. क्योंकि शुद्ध घी कोई दाग या धब्बा नहीं छोड़ता है.