इसी बीच दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने प्रगति मैदान सुरंग परियोजना में कथित “गंभीर खामियों” को लेकर लार्सन एंड टुब्रो (L & T) कंपनी को नोटिस जारी किया है.
कंपनी से 500 करोड़ रुपये की “टोकन राशि” की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि तुरंत ही मरम्मत कार्य शुरू किया जाए.
कंपनी की तरफ से भी दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के खिलाफ 500 करोड़ रुपये का काउंटर क्लेम ठोका गया है.
दिल्ली सरकार का नोटिस 3 फरवरी को जारी किया गया था, जिसमें कंपनी से 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया.
नोटिस में यह आरोप लगाया गया कि समय बीतने के साथ परियोजना में “गंभीर कमजोरियां सामने आईं, जो न केवल तकनीकी नेचर की थीं बल्कि डिजाइन संबंधी खामियां भी थीं”.
नोटिस में कहा गया, “इस मुद्दे ने, विशेष रूप से मानसून के मौसम के दौरान, पूरी परियोजना को आम जनता के बंद कर दिया”
दिल्ली सरकार ने कहा, “अंततः पूरे नई दिल्ली क्षेत्र की मुख्य सड़कों पर कहीं अधिक रुकावटें और भीड़भाड़ पैदा कर दी, जिसने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के उद्देश्य को विफल कर दिया.”
नोटिस में इस तथ्य को भी बताया गया कि परियोजना का पूरा डिजाइन और कार्यान्वयन एल एंड टी के नियंत्रण में था और इसमें किसी सरकारी एजेंसी की कोई भूमिका नहीं थी.