बढ़ता है तापमान तो सोचने की शक्ति होती है कम, बनता है अपराध की वजह!

गर्मी के दिनों में तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है

हाल में हुई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि गर्मी बढ़ने से सोचने समझने की शक्ति भी कम होती है

गर्मी के ​इन दिनों में औसत से ज्यादा टेंपरेचर का छात्रों की परफोर्मेंस पर बुरा असर पड़ता है

न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक शोध में ये सामने आया कि टेंपरेचर 4 डिग्री बढ़ने से छात्रों की याददाश्त, सोचने-समझने की क्षमता में 10% गिरावट आती है

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हाई टेंपरेचर मानव शरीर पर खतरनाक प्रभाव डाल सकता है. 

हाई टेंपरेचर से बुजुर्ग और पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में दिल का दौरा तथा हीट स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है

इस कंडीशन में युवाओं के सही निर्णय न ले पाने के कारण आपराधिक घटनाएं भी बढ़ती हैं

ये हमारी सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर करके हमें चिड़िचिड़ा, गुस्सैल और आक्रामक बना सकता है

शोध से पता चला है कि 4 डिग्री फारेनहाइट पारा बढ़ने से याददाश्त, प्रतिक्रिया देने के समय और कार्यक्षमता में 10% की गिरावट आती है

गर्मी से गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर सतर्क रहना चाहिए, अन्यथा अधिक तापमान के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए जिंदगीभर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं