इस जगह पर बचपन में ही तय कर दी जाती है शादी, तोड़ने पर देने होते हैं लाखों रुपये
राजगढ़, मध्य प्रदेश का एक ऐसा जिला है, जहां परंपराएं और रिवाजों का गहरा असर है. यहां पर बाल विवाह का चलन आज भी बहुत प्रचलित है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस परंपरा के तहत, कई बार लड़का और लड़की की शादी बचपन में ही तय कर दी जाती है.
यह शादियां अक्सर समाज की पारंपरिक मान्यताओं और परिवारों के बीच के समझौतों पर आधारित होती हैं.
बाल विवाह का यह रिवाज इस क्षेत्र में कई दशकों से चला आ रहा है, जहां समाज के नियमों के तहत माता-पिता अपने बच्चों की शादी बचपन में तय कर देते हैं.
इसे परिवारों के बीच रिश्ते मजबूत करने, संपत्ति की सुरक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा बनाए रखने का एक तरीका माना जाता है.
लेकिन जब यह विवाह बड़े होने पर तोड़ने की स्थिति में आते हैं, तो मामला और गंभीर हो जाता है.
यदि कोई लड़की इस तरह की शादी बड़े होकर तोड़ना चाहती है तो उसे अपने ससुराल पक्ष द्वारा मांगी गई रकम चुकानी पड़ती है, जो अमूमन लाखों में होती है.
यदि वो ऐसा नहीं करती है तो उसे पंचायत में सजा तक सुनाई जा सकती है. राजगढ़ में चलने वाली इस प्रथा का नाम झगड़ा नातरा है.