इस बीमारी के समय शरीर के अंदर मौजूद कार्बोहाइड्रेट या शर्करा में मौजूद कण, खमीर (yeast) के साथ क्रिया कर के एथेनॉल में बदल जाते हैं. आमतौर पर यह प्रक्रिया छोटी आंत और बड़ी आंत में होती है.
आपको बता दें, शरीर के अंदर मौजूद खमीर का प्रकार, वही होता है जिसका इस्तेमाल बीयर और अन्य अल्कोहलिक ड्रिंक्स को बनाने में किया जाता है. आंतों में शराब बनने के बाद, यह खून में मिल जाता है और इंसान दिनभर नशे में रहता है.
आमतौर पर इसमें नशे की तरह लक्षण दिखने के साथ-साथ चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी-निर्जलीकरण, थकान, याददाश्त-एकाग्रता की कमी और मनोदशा में बदलाव महसूस हो सकती है.