महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) की हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसका गैंग एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
NIA ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत 16 गैंगस्टरों के खिलाफ UAPA कानून के तहत चार्जशीट दाखिल की है. NIA ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तुलना दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से की है.
NIA के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई और उसके गिरोह ने अभूतपूर्व तरीके से विस्तार किया है, यह ठीक उसी तरह जैसे दाऊद इब्राहिम ने 90 के दशक में अपना नेटवर्क तैयार किया था.
दाऊद इब्राहिम ने ड्रग तस्करी, टारगेट किलिंग और जबरन वसूली रैकेट के जरिए अपने नेटवर्क का विस्तार किया. बाद पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ मिलकर डी-कंपनी बनाई.
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का संचालन सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ की तरफ से किया जा रहा है, जो कनाडाई पुलिस और भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित है
2020-21 तक बिश्नोई गिरोह ने जबरन वसूली के जरिए करोड़ों रुपए कमाए थे. यह गैंग युवाओं को कनाडा या उनकी पसंद के किसी देश में भेजने का लालच देकर भर्ती करता है.
NIA के मुताबिक, पाकिस्तान में रहने वाला खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा पंजाब में टारगेट किलिंग और आपराधिक वारदातों के लिए बिश्नोई के शूटरों का इस्तेमाल करता है.