दिल्ली से लेकर मुंबई तक आज मनाई जा रही बकरीद, जानें इस दिन क्यों देते हैं कुर्बानी

ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार आज मनाया जा रहा है.

दिल्ली की जामा मस्जिद पर अलग ही नजारा देखने को मिला है. लोगों ने नमाज अदा करने के बाद एक-दूसरे को बधाई दी है.

दरअसल, ये दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला दूसरा प्रमुख इस्लामी त्योहार है.

यह पैगंबर इब्राहिम के अल्लाह के प्रति पूर्ण विश्वास से दिए गए गए बलिदान के रूप में मनाते हैं.

बकरीद मुसलमानों की ओर से जुल अल-हिज्जा के महीने में मनाई जाती है, जो इस्लामी चंद्र कैलेंडर का बारहवां महीना है.

ईद-उल-अजहा जुल हिज्जा महीने के दसवें दिन मनाया जाता है और उत्सव की तारीख देश-दर-देश अलग-अलग होती है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि महीने की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए अर्धचंद्र कब दिखाई देगा.

06 जून, 2024 को अर्धचंद्राकार जुल हिज्जा चांद के दिखने के बाद, अरब में रविवार 16 जुलाई, 2024 को बकरीद का त्योहार मनाया गया.

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश , अन्य दक्षिण एशियाई देशों में ईद-उल-अज़हा एक दिन बाद आज यानी 17 जून को मनाया जा रहा है.

ईद अल-अज़हा इब्राहिम और इस्माइल का अल्लाह के लिए प्यार का उत्सव है और कुर्बानी का मतलब है कि कोई अल्लाह के लिए बलिदान देने को तैयार है.

यह ईश्वर के लिए उस चीज़ की कुर्बानी है जिसे कोई सबसे ज़्यादा प्यार करता है. जिसके लिए दुनिया भर के मुसलमान बलिदान की भावना में एक बकरा या भेड़ की कुर्बानी देते हैं.

ऐसा माना जाता है कि भले ही न तो मांस और न ही खून अल्लाह तक पहुंचता है, लेकिन उसके बंदों की भक्ति जरूर पहुंचती है.