यह बात है- 1898 की, जब ब्रिटिश आर्मी के ऑफिसर जेम्स स्क्वाड की तोरखम बॉर्डर पर स्थित लांदी कोटल में पोस्टिंग थी
तब से जेम्स स्क्वाड के आदेश को पलटने की कोशिश किसी ने नहीं की और पिछले 122 साल से यह पेड़ जंजीरों में कैद है
आजादी के बाद भी बरगद की जंजीरें बनी हुई हैं, क्योंकि अब इस पेड़ ने ऐतिहासिक महत्व हासिल कर लिया है