भारत रत्न एक सर्वोच्च सम्मान है, जो उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, साहित्य, साइंस, समाज सेवा और खेल क्षेत्र में देश को अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
इस सम्मान की शुरूआत 2 जनवरी 1954 में हुई थी और इसे उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शुरू किया था.
देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न अबतक 49 लोगों को दिया जा चुका है. अब लाल कृष्ण अडवानी इसे प्राप्त करने वाले 50 वें आदमी बनेंगे.
ये सम्मान जीवित रहने पर या मरणोपरांत दोनों तरह से लोगों को दिया जाता है. एक साल में यह केवल 3 लोगों को ही दिया जाता है.
भारत रत्न सम्मान के चुनाव के लिए अलग- अलग प्रक्रियाएं होती हैं. इसमें भारतीय पीएम राष्ट्रपति से भारत रत्न के लिए किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश करते हैं.
यह पुरस्कार धर्म, जाति, जेंडर की परवाह किए बिना उपकरोक्त लिखे हुए क्षेत्रों में किए योगदान के लिए दिया जाता है.
भारत रत्न पाने वालों को भारत सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है. इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती.
इसे पाने वालों को सरकारी महकमे सुविधाएं मुहैया कराते हैं. उदाहरण के लिए भारत रत्न पाने वालों को रेलवे की ओर से मुफ़्त यात्रा की सुविधा मिलती है.
भारत रत्न पाने वालों को अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता मिलता है.
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, पूर्व पीएम और सासंद के दोनों सदनों में विपक्ष के बाद नेता का स्थान मिलता है.