भारत में ज्यादातर युवाओं का सपना डॉक्टर बनना होता है, लेकिन डॉक्टरी करने में दो बड़ी चुनौती आती है
पहली चुनौती हिंदी मीडियम के उन छात्रों को आती है. जो अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई के लिए सहज नहीं होते है.
इसके बाद दूसरी चुनौती पैसों को लेकर आती है, भारत में डॉक्टरी करने लिए मोटी फीस भरनी होती है.
खैर इन दो चुनौतियों में से एक चुनौती को बिहार सरकार ने खत्म कर दी.
मध्य प्रदेश के बाद बिहार देश का ऐसा दूसरा राज्य बन गया है, जहां हिंदी में भी मेडिकल की पढ़ाई होगी.
बिहार सरकार ने अगले सेशन से बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी, एमबीबीएस कोर्स हिंदी में शुरू करने की घोषणा की है.
इस कदम के जरिये छात्र अपनी पसंद के हिसाब से अंग्रेजी अथवा हिंदी में पढ़ाई का विकल्प चुन सकने के लिए स्वतंत्र होंगे.
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरुप NEET-UG Exam 2024 में टॉपर छात्र-छात्राओं के लिए इसी सत्र से हिंदी में MBBS Syllabus राज्य में लागू होगा.
यह फैसला हिंदी को बढ़ावा देने और इसे वैश्विक भाषा बनाने के सरकार के लक्ष्य के तहत है.