अंतरिम बजट में कृषि क्षेत्र की और वृद्धि के लिए, सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में सार्वजनिक और निजी निवेश को और बढ़ावा देगी.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 भाषण के दौरान नैनो डीएपी का जिक्र किया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि अलग-अलग फसलों पर नौनो डीएपी के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा.
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी के अनुप्रयोग का विस्तार किया जाएगा.
केंद्र सरकार उर्वरकों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठा चुकी है. सरकार ने पहले नैनो यूरिया पर जोर दिया था, अब नौनो डीएपी की बारी है.
यह कदम किसानों का खर्चा कम करेगा. आइए जानते हैं क्या है नैनो DAP जिसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है.
पारंपरिक बोरे वाली दानेदार खाद में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन और 46 प्रतिशत फास्फोरस होती थी, इसकी तुलना में नैनो डीएपी में 8% नाइट्रोजन और 16% फास्फोरस की मात्रा रहेगी.
यह एक तरल उवर्क है, जिसके जरिए फसलों को नाइट्रोजन और फास्फोरस उचित मात्रा में दिया जाता है.
नैनो डीएपी फॉर्मूलेशन में नाइट्रोजन 8 प्रतिशत और फॉस्फोर 16 प्रतिशत होता है. नैनो डीएपी के कण का आकार 100 नैनोमीटर से कम होता है. इसकी खासियत यह है कि इससे जड़ों और पौधों को लाभ मिलता है.
नैनो डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस के नैनो क्लस्टर जैव-पॉलिमर और अन्य सहायक पदार्थों के साथ क्रियाशील होते हैं.
नौनो डीएपी की वजह से बीज मजबूत होते हैं, पौधों की प्रकाश संश्लेषक दक्षता, बेहतर गुणवत्ता और फसल की पैदावार बेहतर होती है.
नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है लेकिन फसलों को सही मात्रा में पोषक तत्व देता है.