केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश कर रही हैं. 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों एक ही साल में दूसरा बजट पेश क्यों कर रही है सरकार? अगर नहीं जानतें तो यहां जान लीजिए. 

चुनावी साल में कुछ महीनों के लिए अंतरिम बजट पेश किया जाता है जिसमें मतदाताओं को प्रभावित करने वाले नीतिगत फैसले नहीं होते हैं. 

वहीं, आम बजट में एक वित्त वर्ष में सरकार की आय-व्यय का लेखा-जोखा होता है. मौजूदा सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था और नई सरकार बनने के बाद आज पूर्ण बजट पेश करेगी. 

अंतरिम बजट सिर्फ खास परिस्थितियों में ही पेश किया जाता है. जैसे, जब लोकसभा चुनाव होने वाले होते हैं और नई सरकार का गठन नहीं हुआ होता है.

ऐसे में पुरानी सरकार जो काम शुरू कर चुकी होती है, उसे चलाने के लिए फंड की जरूरत होती है. इसलिए अंतरिम बजट में सिर्फ जरूरी खर्चों के लिए ही फंड आवंटित किया जाता है.

इसमें सरकार कोई नई योजनाएं नहीं लाती है और न ही टैक्स में बदलाव करती है. यह सिर्फ कुछ महीनों का बजट होता है, जब तक कि नई सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर लेती.

आपको बता दें दोनों में अंतर यह है कि आम बजट पूरे साल का बजट होता है, जबकि अंतरिम बजट सिर्फ कुछ महीनों का होता है.

यह आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे उन्हें पता चलता है कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि पर कितना खर्च करेगी.