क्या देश में गे कपल गोद ले सकते हैं बच्चा? यहां जान लीजिए क्या हैं इसके नियम

भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली है और इस मुद्दे पर संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी बहस चल रही है.

2023 में सुप्रीम कोर्ट ने सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने से इनकार किया था.

कोर्ट ने यह कहा कि इस पर फैसला करने का अधिकार संसद का है. इसके चलते, समलैंगिक कपल्स के लिए एक और बड़ा मुद्दा बच्चा गोद लेना है.

भारत में बच्चों को गोद लेने का अधिकार केवल शादीशुदा जोड़ों को ही है, इसलिए गे कपल्स को गोद लेने का अधिकार नहीं मिलता.

हालांकि, अगर गे कपल्स का एकल व्यक्ति बच्चा गोद लेना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि समलैंगिक व्यक्तियों पर यह नियम लागू होता है और वे जरूरी प्रक्रिया के तहत बच्चा गोद ले सकते हैं.

इसका मतलब है कि समलैंगिक पुरुष या महिला, अगर वे एकल हैं, तो वे बच्चों को गोद लेने के पात्र होते हैं.

इस फैसले से गे समुदाय को एक उम्मीद मिली है कि वे एकल तौर पर बच्चे को गोद लेकर अपने परिवार का विस्तार कर सकते हैं.

लेकिन, शादीशुदा समलैंगिक जोड़ों के लिए अभी भी गोद लेने का कोई कानूनी रास्ता नहीं खुला है.