दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब तिहाड़ जेल में रहेंगे. राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
बहरहाल, अब केजरीवाल जेल में रहेंगे, तो उनपर भी वही नियम-कायदे लागू होंगे, जो आम कैदियों पर होते हैं.
जेल में हर चीज का एक नियम होता है. अब चूंकि, केजरीवाल ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है और वो अब भी मुख्यमंत्री हैं, तो सवाल उठता है कि क्या वो जेल से सरकार चला सकेंगे?
तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट रहे सुनील गुप्ता ने बताया कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए केजरीवाल सरकार चला सकते हैं.
सुनील गुप्ता बताते हैं कि 2000 के दिल्ली प्रिजन एक्ट के मुताबिक, किसी भी जगह या बिल्डिंग को जेल घोषित किया जा सकता है.
केजरीवाल वहां रहकर सरकार चला सकते हैं. लेकिन इसका अधिकार उपराज्यपाल के पास है.
दिल्ली के जेल मैनुअल के मुताबिक, किसी भी कैदी को जेल में आने के बाद जेल प्रशासन को 10 लोगों के नाम देने होते हैं. जेल में रहते हुए इन्हीं 10 लोगों से बात और मुलाकात की जा सकती है.
सुनील गुप्ता ने बताया कि- इन 10 में से कोई भी शख्स टेलीफोन कर जेल प्रशासन को बता सकता है कि वो किस दिन कैदे से मिलने आना चाहता है. फिर जेल प्रशासन ही तारीख और समय बताता है.
जेल मैनुअल के मुताबिक, हफ्ते में सिर्फ दो बार ही आधे-आधे घंटे के लिए कैदी से मुलाकात की जा सकती है. एक बार में तीन लोग ही कैदी से मिल सकते हैं.
मुलाकात का वक्त सुबह साढ़े 9 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक होता है.