कनाडा में नई नीतियां लागू करने के बाद सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए और देश की जस्टिन ट्रूडो सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

इन छात्रों को कनाडा सरकार की नई इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव की वजह से डिपोर्टेशन का डर सता रहा है. यही वजह है कि छात्र इस पॉलिसी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नई नीतियों का उद्देश्य स्थायी निवास नामांकन की संख्या में 25 प्रतिशत की कमी लाना तथा अध्ययन परमिट को सीमित करना है. 

दरअसल ट्रूडो सरकार की इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव का सबसे अधिक असर भारतीय छात्रों पर देखने को मिलेगा, जो वहां पढ़ने के साथ-साथ अस्थाई तौर पर नौकरियां भी कर रहे हैं. 

नई नीति ने 70,000 से अधिक ग्रेजुएट छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है क्योंकि इन छात्रों का वर्क परमिट वीजा इस साल के अंत में खत्म होने जा रहा है. 

कनाडा सरकार ने अब उन क्षेत्रों में विदेशी कामगारों को परमिट नहीं देना का फैसला किया है, जहां बेरोजगारी दर 6% या उससे अधिक है. 

कम वेतन वाली अस्थाई नकरियों के लिए परमिट दो के बजाए अब एक साल के लिए जारी होगा. इसका मतलब ये हुआ कि कनाडा में अब अप्रवासियों की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा.

इन नए नियमों को लेकर कनाडा के चार प्रांतों ओंटारियो, मैनीटोबा, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड और ब्रिटिश कोलंबिया में भारतीय स्टूडेंट्स का प्रदर्शन जारी है.