Chandrayaan-3 के लिए ऐसे ताकत बनेगा Chandrayaan-2 का चार साल पुराना ऑर्बिटर
Chandrayaan-3 चांद के ऑर्बिट में एंट्री ले चुका है और यह परिक्रमा कर रहा है.
ये चार बार ऑर्बिट बदलकर चंद्रमा के करीब पहुंचेगा और 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.
चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करते ही यह इतिहास रच देगा.
खास बात है कि चंद्रयान-3 के इस मिशन पर चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर उसकी ताकत बनेगा.
चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की ऑर्बिट में मौजूद है.
2019 में चंद्रयान-2 मिशन के दौरान इसमें इतना ईंधन बच गया था, जिससे ये 2026 तक काम कर सकता है.
इसी वजह से इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन लांच किया तो इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा और चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ही काम लेने का निर्णय लिया.
Chandrayaan-2 में एक ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे.
Chandrayaan-2 में एक ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे.
जबकि चंद्रयान-3 में एक लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है.