आखिर Chhath Puja पर क्यों करते हैं बांस के सूप का इस्तेमाल, जानें इसका महत्व

आज से छठ महापर्व (Chhath Puja 2024) की शुरुआत हो गई है. इस दौरान महिलाएं संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.

पंचांग के अनुसार, इस साल षष्ठी तिथि की शुरुआत 07 नवंबर को रात 12 बजकर 41 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन 08 नवंबर को देर रात 12 बजे होगा. 

छठ पूजा के दौरान बांस के सूप में फल आदि रखकर घाट पर ले जाया जाता है। इस दौरान सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. 

लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर छठ पूजा (Chhath Puja) में सूप का उपयोग क्यों होता है? पढ़ें इसका महत्व 

हिन्दू धर्म में छठ पूजा के दौरान बांस के सूप का बहुत अधिक महत्व होता है. बांस एक प्राकृतिक वस्तु है और इसे प्रकृति का प्रतीक माना जाता है. 

छठ पूजा में प्रकृति की पूजा की जाती है, इसलिए बांस के सूप का इस्तेमाल छठ पूजा में किया जाता है. इसके साथ ही, धन से जुड़ी अन्य समस्याएं दूर होने लगती हैं. 

सूप को बेहद पवित्र और शुद्ध माना जाता है. छठ पूजा में इसका उपयोग करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और कार्य में सफलता के योग बनते हैं. 

बांस के सूप की सहायता से छठी मैया को भेट भी दी जाती है. ऐसा करने से संतान का सुख प्राप्त होता है. इसके साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.