चीन के वैज्ञानिकों ने 2020 के एक अभियान में लाई गई चंद्रमा की मिट्टी का उपयोग करके बड़ी मात्रा में पानी बनाने का "नया तरीका" खोजा है.

इस टीम का नेतृत्व चीनी विज्ञान अकादमी (CAS) के निंग्बो इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (NIMTE) में प्रोफेसर वांग जुनकियांग कर रहे हैं. 

रिसर्चर्स ने एंडोजीनस हाइड्रोजन और लूनर रेगोलिथ के बीच एक अनोखी रासायनिक प्रतिक्रिया का उपयोग करके चंद्रमा की सतह पर बड़े पैमाने पर पानी के उत्पादन की रणनीति बनाई है.

यह प्रतिक्रिया पीने के पानी को निकालने में मदद करेगी. प्रोफेसर वांग ने कहा, 'हमने अपनी स्टडी में चांग'ई-5 मिशन द्वारा लाए गए लूनर रेगोलिथ नमूनों का इस्तेमाल किया.

चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके खोजे नए तरीके का उपयोग करके, चांद की एक टन मिट्टी से लगभग 51-76 किलोग्राम पानी बनाया जा सकेगा, 

यानी आधा लीटर की लगभग 100 बोतल भरी जा सकेंगी या 50 लोगों की पानी की रोजाना की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा

वैज्ञानिकों का कहना है कि लूनर इल्मेनाइट (FeTiO3) पानी निकालने के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है. यह खनिज, लूनर रेगोलिथ में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. 

चंद्रमा की मिट्टी का उपयोग करके पानी उत्पन्न करने वाले वैज्ञानिक इसे विद्युत रासायनिक रूप से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विघटित कर सकते हैं. 

इससे चंद्रमा पर रहने वालों के लिए सांस लेने योग्य हवा और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, दोनों मिल सकते हैं.