चीन सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब विदेशियों को चीनी बच्चों को गोद लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भविष्य में चीन केवल उन विदेशी नागरिकों को चीनी बच्चों को गोद लेने की अनुमति देगा, जो उनके रिश्तेदार हैं.

पिछले 30 साल में कम से कम 150,000 चीनी बच्चों को विदेश में गोद लिया गया है. इनमें से 82,000 से अधिक बच्चे अमेरिका गए हैं. जो दुनिया में कहीं और से ज्यादा संख्या है.

1992 में जब चीन ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गोद लेने के लिए अपने दरवाजे खोले थे, तब से अब तक दुनिया भर के परिवारों द्वारा 160,000 से अधिक चीनी बच्चों को गोद लिया गया है.

विदेश में चीनी बच्चों को गोद लेने पर प्रतिबंध लगाए जाने से अमेरिका में सैकड़ों परिवारों के लिए असमंजस के हालात पैदा हो गए हैं और अब चीन के नागरिक मंत्रालय से इस बारे में स्पष्टीकरण मांग रहा है. 

माओ निंग ने इस फैसले का कारण स्पष्ट नहीं किया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि यह निर्णय प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संधियों की भावना के अनुरूप है. 

यह साफ नहीं है कि चीन ने यह फैसला क्यों लिया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के इस कदम को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही हैं.

इस बीच यह भी बता दें कि, चीन में 1980 से 2015 तक विवादास्पद एक बच्चे की नीति लागू रही है. इसके तहत दूसरा बच्चा पैदा करने पर कठोर दंड का प्रावधान था.

लंबे समय तक चले इस नियम से देश में जनसांख्यिकी संकट खड़ा हो गया. अब सरकार ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. 

सरकार ने अब इस सीमा को तीन बच्चों तक बढ़ा दिया है. भले ही एक बच्चे की नीति को खत्म कर दिया गया है लेकिन 35 साल तक चले इस नियम का समाज पर गहरा असर रहा है.