यूक्रेन में जारी खून-खराबे के बीच ताइवान के लोग चीन के साथ संभावित युद्ध को लेकर अपने आप को ट्रेन कर रहे हैं.

चीन की धमकी के बीच वे नकली मिसाइलों को विस्फोट करने से लेकर "घायल" पड़े लोगों को मदद करने तक, युद्ध के दौरान होने वाली हर मुश्किलों के लिए तैयार कर रहे हैं. 

ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन अब ताइवान को कब्जाने के करीब जाता मालूम पड़ रहा है. चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने शुक्रवार को ‘‘सत्ता पर कब्जा करने’’ की अपनी क्षमता का परीक्षण किया. 

उनका कहा कि उसकी सेनाओं ने ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की टिप्पणी के जवाब में स्वशासित द्वीप के आसपास बड़े पैमाने पर अभ्यास शुरू किया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान के लोग नकली खून और नकली अंगों के जरिए खुद को ट्रेन कर रहे हैं.

लोगों को ट्रेनिंग देने वाला यह संगठन ताइवान नागरिक सुरक्षा समूहों के व्यापक जमीनी स्तर के आंदोलन का हिस्सा है जो हाल के वर्षों में पूरे द्वीप में उभरे हैं और बड़ी संख्या में नागरिक ट्रेनिंग के लिए साइन अप कर रहे हैं. 

कुमा अकादमी के कार्यकर्ता और सह-संस्थापक हो चेंग-हुई ने संगठन के एक प्रशिक्षण सत्र के दौरान अल जजीरा को बताया, "हम लड़ाई ताइवान की सेना पर छोड़ते हैं." 

उनका कहना है कि वे हिंसा के वास्ते लोगों को ट्रेन नहीं कर रहे हैं बल्कि खुद को और दूसरों को बचाने के वास्ते लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. 

प्रतिभागियों में से एक का कहना है कि उन्होंने शुरू में यह समझने के लिए साइन अप किया था कि किसी आपदा या युद्ध की स्थिति में कैसे रिएक्ट करना है.

उन्होंने कहा कि "अगर ऐसा कुछ होता है, तो इसका मतलब है कि आपको तैयार रहना चाहिए. अगर आप तैयार होंगे तो आप भावनात्मक और मानसिक रूप से इससे बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम होंगे." 

गौरतलब है कि ताइवान के नए राष्ट्रपति चिंग ते ने ताइवान पर चीन की संप्रभुता के दावों को खारिज कर दिया था. चीन इससे बौखलाया हुआ है.