Allahabad University में खोली गई दशकों पुरानी तिजोरी, निकलीं हैरान कर देनी वाली चीजें
पूरब का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पिछले कई दशकों से बंद पड़ी तिजोरी का रहस्य आखिरकार सुलझ गया है.
दो दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद तिजोरी को आरी और ड्रिल मशीन से काटकर खोल लिया गया है.
विवादों के बीच खोली गई तिजोरी से पांच सौ साल पुराने सोने के सिक्के, पर्शियन भाषा में लिखा शाही फरमान और ताम्रपत्र पर पाली भाषा में लिखा विनय पिटक शामिल है.
यह सभी बेशकीमती है. पुरातात्विक महत्व की इन सामग्रियों को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के म्यूजियम में रखे जाने की तैयारी है.
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पीआरओ प्रोफेसर जया कपूर के मुताबिक तिजोरी के लॉकर से निकले सोने के सिक्के तकरीबन 500 साल पुराने हैं. इन सिक्कों पर ब्राह्मी लिपि अंकित है.
सोने के इन सिक्कों का वजन तकरीबन 7.34 ग्राम है और इसका व्यास 21 एमएम है. यह सभी सिक्के गोल आकार के हैं.
सोने के अलावा कुछ अन्य धातुओं के भी सिक्के हैं. सिक्कों की संख्या तकरीबन 500 है. यह सिक्के जम्मू कश्मीर के आदिवासी समुदाय किडाइट्स किंगडम से जुड़े हुए हैं.
सिक्के पर एक राजा को खड़ा दिखाया गया है, जो बाई तरफ वेदी पर बलि दे रहा है. हालांकि कश्मीरी सिक्कों के रहस्य की गुत्थी अभी सुलझ नहीं सकी है.
तिजोरी से सोने व दूसरी धातुओं के सिक्कों के अलावा पर्शियन भाषा में लिखा हुआ एक शाही फरमान भी निकला है.
शाही फरमान में क्या कुछ लिखा हुआ है, इसके लिए एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी. इसके अलावा ताम्रपत्र पर पाली भाषा में लिखा हुआ विनय पिटक भी मिला है.
हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि यह सारे सामान यूनिवर्सिटी में कब और कैसे आए. बेशकीमती चीजें यूनिवर्सिटी की धरोहर कैसे बनी.