इस खूनी दरवाजे के पास खूनी हिंसा की एक और घटना 1857 के दौरान हुई जब ब्रिटिश नेता विलियम हडसन ने बहादुरशाह जफर के दो बेटों और पोते की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इस दरवाजे के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि मॉनसून के समय में इस दरवाजे की छत से खून की बूंदे टपकती हैं. हालांकि, दावे को साबित करने के लिए वर्तमान में कोई सबूत नहीं है.