गोताखोरों को मिला खोया हुआ खजाना, शैंपेन की बोतलों ने खोले कई पुराने राज
समुद्र की गहराई में 171 साल पहले डूबे जहाज का मलबा मिला है जो अनमोल चीजों से भरा है.
इन चीजों में एक शैंपेन की बोतलें भी मिली हैं. जिसमें एक नहीं हजारों बोतलें हैं. पानी की बोतलें और चीनी मिट्टी के बर्तन भी हैं जो ठीक हालत में दिख रही हैं.
ब्रिटेन के 40 गोता खोरों को स्वीडन में बाल्टिक सागर की गहराई में करीब 190 फीट नीचे मलबा मिला हैं जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है.
माना जा रहा है कि यह जहाज रूसी जार निकोलस प्रथम के राज्य में जा रहा था लेकिन 1852 में यह समुद्र में डूब गया.
गोताखोरों ने 11 जुलाई को ओलैंड द्वीप के दक्षिण में लगभग 20 समुद्री मील की दूरी पर मलबे को देखा और इसकी जांच की.
बाल्टिकटेक डाइविंग ग्रुप का नेतृत्व करने वाले टॉमस स्टाचुरा बताते हैं कि 2 गोताखोर डाइविंग कर रहे थे और वे करीब 2 घंटे तक वहीं रहे.
इस दौरान उन्होंने तलहटी में जहाज का मलबा देखा. इस जहाज पर ही सेल्टर्स नामक जर्मन ब्रांड की मिनरल वाटर की बोतलें मिलीं.
19वीं सदी का यह जहाज अच्छी हालत में है. शैंपेन और पानी की बोतलें टोकरियों में भरी थी.
इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जिस मिट्टी के बर्तन बनाने वाली फैक्ट्री में पानी की बोतलें बनाई गई थीं वह कंपनी आज भी अस्तित्व में है जिससे संपर्क करके कंफर्म किया जा रहा है कि पानी उनकी कंपनी का है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने मिट्टी की जांच की तो पता चला कि जहाज 1850 से 1867 के बीच का है.
वहीं जहाज में शैंपेन और पानी की बोतलें इसलिए भरी थीं, क्योंकि उन दिनों मिनरल वाटर को दवाई की तरह माना जाता था.
इसे केवल राजाओं को खाने के साथ परोसा जाता था. तब इस पानी की कीमत इतनी थी कि उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए पुलिस तैनात की जाती थी.
गोतोखोरों के अनुसार, उन्होंने स्वीडिश अधिकारियों को इस खोज के बारे में बता दिया है.जहाज में भरे सामान को निकालने में करीब 1 साल लग सकता है.