रात में सोने के वक्त कुछ लोगों को डरावने या बुरे सपने आते हैं. जिसे नाइटमेयर्स भी कहते हैं. कई बार इसके चलते नींद टूट जाती है.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस तरह के सपने आते क्यों हैं. क्या दिमाग से इसका कोई संबंध है या कोई बड़ी बीमारी का संकेत हैं.

एक्सपर्ट का कहना है कि हम दिनभर जो कुछ भी सोचते हैं या हमारे आसपास जो भी घटित होता है, वे सपने में दिखाई देते हैं. 

मतलब सपने ब्रेन की एक्टिविटी का एक हिस्सा है. जिसमें इमोशंस और यादों का कंसॉलिडेशन होता है. यानी यह मस्तिष्क की सामान्य प्रक्रिया है. 

हाल ही में जारी एक रिसर्च के अनुसार, रात में आने वाले डरावने सपने और मति भ्रम जैसी समस्या ऑटोइम्यून डिजीज जैसे कि ल्यूपस, आर्थराइटिस आदि के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. 

डरावने सपने ऑटोइम्यून बीमारी की वजह से आ सकते हैं. वहीं दूसरी वजह शरीर में कहीं पर भी सूजन (Inflammation) होने पर रात में डरावने सपने बढ़ते हैं.

यह सपने लुपस, रूमेटाइड, स्कोग्रेन, अर्थराइटिस, सिंड्रोम और सिस्टमेटिक स्केलेरोसिस जैसी बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं.

डरावने सपनों के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्थिति जिम्मेदार है. ऐसे में सोने के 1 घंटे पहले योग करें, रात का भोजन हल्का रखें.

रिसर्च के अनुसार जो सपने रात को और दोपहर में आते हैं उनका फल कई समय बाद मिलता है. लेकिन सुबह 4 बजे से लेकर 6 बजे के बीच का सपना सच होता है.