चंडीगढ़ से 40 किमी और सोलन के कसौली से 11 किमी दूर कुमारहट्टी के पास सेंट्रल जेल “डगशाई” है, जो ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था.
ऐसा कहा जाता है कि अंग्रेज इस जेल में बागी सैनिकों को रखते थे. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस जेल में दो दिन बिताए थे.
वे यहां बतौर कैदी नहीं, बल्कि जेल में बंद आयरिश कैदियों से मिलने आए थे. वहीं, गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भी इस जेल में रखा गया था.
महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को शिमला में ट्रायल के दौरान डगशाई जेल लाया गया था. जेल के मुख्य द्वार की एंट्री के साथ वाले सेल में गोडसे को रखा गया था.
यहां पर गोडसे की फोटो दीवार पर लटकी हुई है. गोडसे इस जेल का अंतिम कैदी था. उसके बाद जेल में कैदियों को रखना बंद कर दिया गया था.
पहाड़ी पर बनी सेंट्रल जेल अंडेमान निकोबार की जेल की ही तरह है. यहां कई जाने-माने स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था.
बताया जाता है कि 1 अगस्त 1920 में महात्मा गांधी ने जेल में दो दिन बिताए थे. इसी जेल में बागी आयरिश सैनिकों को रखा गया था.
यहां कैदियों के माथे पर गर्म सलाख से माथे पर दागा जाता था. इसे दाग-ए-शाही कहा जाता था.
कैदियों को दी जाने वाली कठोर यातनाओं के कारण इस जेल को "हिमाचल का काला पानी" भी कहा जाता था. आज इस ऐतिहासिक जेल को संग्रहालय में बदल दिया गया है.