उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में बना ताजमहल एक विश्‍व धरोहर मकबरा है. इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में 17वीं सदी में बनवाया था. 

लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि शाहजहां ने किसकी जमीन पर ताजमहल बनवाया था. आज हम आपको बताएंगे इसके बारे में-

भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग के मुताबिक ताजमहल की जमीन राजस्‍थान में आमेर के कछवाहों की जायदाद थी. 

जब शाहजहां को अपनी बेगम मुमताज के लिए ताजमहल बनवाना था, उस वक्त उन्होंने ताजमहल बनवाने के लिए कछवाहों से जमीन खरीदा था.

इतना ही इसके बदलने मुगल बादशाह ने कछवाहों को चार हवेलियां दी थी. हालांकि मुआवजे के तौर पर दी गई हवेलियों के बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं मिलती है. 

दरबारी इतिहासकार हामिद लाहौरी ने बादशाहनामा और अपने फरमानों में ताजमहल के लिए कछवाहों से जमीन खरीदे जाने का जिक्र किया है. 

बता दें कि ताजमहल करीब 60 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है. इसका निर्माण कार्य 22 साल के काम के बाद 1648 में पूरा हुआ था.

जानकारी के मुताबिक उस दौर में इसे बनाने में 3.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इतना ही नहीं इस इमारत में 28 अलग-अलग किस्म के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. 

बता दें ताजमहल का निर्माण 1653 में लगभग 32 मिलियन रुपए में पूरा हो गया था. ये कीमत आज के लगभग 53 बिलियन रुपए हैं.