आप जानते हैं व्रत में खाए जाने वाले नमक का नाम कैसे पड़ा सेंधा नमक? यहां जानें

भारत में व्रत और धार्मिक आयोजनों में इस्तेमाल होने वाला सेंधा नमक पाकिस्तानी आयात है, क्योंकि भारत में इसका उत्पादन नहीं होता.

हालांकि, भारत ने पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता कम कर दी है.

वहीं सेंधा नमक को रॉक साल्ट, सैंधव नमक, लाहौरी नमक, हैलाइट, गुलाबी नमक और हिमालयन नमक के नाम से भी जाना जाता है.

यह समुद्र या झील के खारे पानी से सोडियम क्लोराइड के रंग-बिरंगे क्रिस्टल के रूप में बनता है.

पाकिस्तान में इसकी कीमत 2-3 रुपये प्रति किलो होती है, जबकि भारत में यह 50-60 रुपये किलो बिकता है.

सेंधा नमक चट्टानों के रूप में पाया जाता है, इसलिए इसे रॉक साल्ट कहा जाता है.

इसके नाम के पीछे कई कहानियां हैं, एक मान्यता के अनुसार इसे सिंधु नदी से जोड़ा जाता है, जहां से यह पाया जाता है.

पाकिस्तान के खेवड़ा जिले की नमक खदान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नमक खदान है, जो हर साल 4.5 लाख टन सेंधा नमक उत्पन्न करती है.

खेवड़ा में इतना नमक है कि 450 साल तक इसे निकाला जा सकता है. इस नमक को लाहौरी नमक या हिमालयन नमक भी कहा जाता है, क्योंकि यह हिमालय की पहाड़ियों पर पाया जाता है.