आपको मालूम है सबसे पहले किस देश में हुई थी पतंग की खोज? सालों पुराना है इतिहास
भारत समेत कई देशों में पतंग का काफी क्रेज है. आपने अक्सर लोगों को मकर संक्रांति और 15 अगस्त के दिन पतंग उड़ाते हुए जरूर देखा होगा.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पतंग की शुरुआत सबसे पहले कहां पर हुई थी और इसका इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाता था. आज हम आपको बताएंगे कि पतंग कहां पर सबसे पहले बनाई गई थी.
बता दें कि पतंग का आविष्कार चीन में हुआ था. जानकारी के मुताबिक इसका इतिहास लगभग 2000 साल पुराना है.
माना जाता है कि पतंग का पहला निर्माण ईसा पूर्व तीसरी सदी में हुआ था. दरअसल पतंग को एक चीनी दार्शनिक हुआंग थेग ने बनाया था. उन्होंने ही इसे सबसे पहले शानडोंग क्षेत्र में बनाया था, जिसे “पतंग का घर” भी कहा जाता है.
हालांकि इसे पहले पतंगें चपटी और आयताकार होती थी, वहां इन्हें रेशम, बांस और अन्य सामग्रियों से बनाया जाता था.
इसके अलावा कुछ जगहों पर दावा किया जाता है कि पतंगों का इस्तेमाल मलेशिया, इंडोनेशिया और दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में पत्तियों और नरकट जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से बने मछली पकड़ने के उपकरण के रूप में किया जाता था.
अब सवाल ये है कि भारत में पतंग कैसे पहुंची थी. बता दें कि भारतीय उपमहाद्वीप में पतंग लाने का श्रेय चीनी यात्रियों फा हेन और ह्यून सांग को दिया जाता है.
ये यात्री पतंगों को टिशू पेपर और बांस के ढांचे से बनाकर भारत लाए थे. हालांकि हमारे पुराणों के मुताबिक भारत में पतंग उड़ाना प्राचीन माना जाता है.
तुलसीदास ने राम चरित मानस में इसका जिक्र इस तरीके से किया है कि भगवान राम ने मकर संक्रांति के दिन अपने भाइयों के साथ मिलकर पतंग उड़ाई थी.