क्या आपको मालूम है आजादी से पहले ट्रेनों में मिलता था 'हिंदू-मुस्लिम पानी', जानें

आप सभी ने कभी न कभी ट्रेन से सफर तो किया ही होगा.

ऐसे में आपने ये भी देखा होगा कि ट्रेन में सफर के दौरान हमें कई खाने पीने चीजें भी मिलती हैं.

लेकिन क्या आपको पता है आजादी से पहले ऐसा नहीं था तब ट्रेन का नेटवर्क भी बेहद सीमित था और चाय-पानी की व्यवस्था भी बेहद कम थी.

जी हां आजादी से पहले कई रीति रिवाज ट्रेनों में भी माने जाते थे. यहां तक कि ट्रेन में ​हिंदुओं और मुस्लिमों के लिए अलग-अलग चाय पानी होता था.

आपको बता दें कि रेलवे के दस्तवेजों के मुताबिक धार्मिक भावनाओं को देखते हुए हिंदू और मुस्लिम के लिए ट्रेन में अलग-अलग इंतजाम किया गया था.

उस समय छुआछूत से समस्या थी इसलिए अलग-अलग धर्म के लोगों को पानी पाड़े (पानी पिलाने वाले कर्मचारी) की व्यवस्था की गई थी.

पानी पिलाने के लिए हिंदू और मुस्लिम के लिए पानी पाड़े भी अलग हुआ करते थे जो ट्रेनों में घूमकर चिल्लाते थे 'हिंदू पानी-मुस्लिम पानी'

इसके साथ ही ट्रेन चलने के शुरुआती दिनों में रेलवे स्टेशनों पर हिंदू और मुस्लिम टी-स्टॉल भी हुआ करते थे.

इस स्थिति में आजादी के बाद धीरे-धीरे बदलाव आया एक ही तरह के स्टॉल होने लगे, जहां सारे जाति धर्म के लोग चाय और पानी पीने लगे.