क्या आपको पता है इतिहास में प्याज और गेहूं से पता कर लेते थे प्रेग्नेंसी, जानें

मेंटल फ्लॉस में छपी एक खबर के अनुसार, 1350 के आस पास इजिप्ट में महिलाओं की प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता था, उनमें गेहूं और जौ का बड़ा महत्व था.

महिलाओं की प्रेग्नेंसी के बारे में पता लगाने के लिए वहां के मेडिकल एक्सपर्ट्स ऐसी महिलाओं को जौ और गेहूं के बीजों पर पेशाब करने के लिए कहते थे.

ये प्रोसेस कई दिनों तक चलता था, इसके बाद अगर गेहूं के बीजों से पौधे निकलने लगते थे तो माना जाता था कि लड़की होगी और अगर जौ के बीजों से पौधा निकलता था तो माना जाता था लड़का पैदा होगा.

वहीं अगर कुछ दिनों तक इन बीजों पर पेशाब करने के बाद भी कोई बीज अंकुरित नहीं होता था तो मान लिया जाता था कि औरत प्रेग्नेंट नहीं है.

इजिप्शियन लोगों की तरह ग्रीक्स लोगों के भी कुछ तरीके थे जिनकी मदद से वो पता लगाते थे कि उनकी महिलाएं प्रेग्नेंट हैं या नहीं. हालांकि, इनका तरीका इजिप्शियन लोगों से बिल्कुल अलग और खतरनाक था.

दरअसल, इजिप्शियन लोग प्रेग्नेंसी चेक करने के लिए एक प्याज लेते थे, उसे छीलते थे और फिर जिस महिला की प्रेग्नेंसी चेक करनी हो, उसके वजाइना में डालने को कहते थे.

रात भर ये प्याज वजाइना में पड़ा रहता और दूसरे दिन अगर महिला के मुंह से प्याज की स्मेल आती तो मान लिया जाता कि

महिला प्रेग्नेंट नहीं है और अगर दूसरे दिन प्याज की स्मेल मुंह से नहीं आती तो इसका मतलब कि महिला प्रेग्नेंट है. इसके पीछे का विज्ञान जब आप देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि वो ऐसा क्यों करते थे.

दरअसल, जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसका गर्भाशय बंद हो जाता है और प्याज की स्मेल मुंह तक नहीं पहुंच पाती थी.

जबकि, जब कोई महिला प्रेग्नेंट नहीं होती थी तो उसका गर्भाशय खुला रहता था और प्याज की स्मेल इसी के जरिए होते हुए मुंह तक पहुंच जाती थी.

हालांकि, ये सब चीजें सदियों पुरानी है और इनका आज उपयोग करना खतरे से खाली नहीं है. इसिलिए अपने घर पर गलती से भी इन तरीकों की प्रैक्टिस ना करें.