क्या आपको पता है इस मुगल को लोग कहते थे पंडित जी, जानें इसके पीछे का कारण
20 मार्च साल 1615 को एक शहजादे ने शाहजहां के घर जन्म लिया, जिसका नाम रखा गया दारा शिकोह. दारा शिकोह शाहजहां का बड़ा बेटा था, जो बड़ा विद्वान माना जाता था.
दारा शिकोह ने इस्लाम के अलावा कई अन्य धर्मों की पढ़ाई की खासतौर पर हिंदू धर्म से जुड़े ग्रंंथ दारा शिकोह ने बड़े ही गहराई से पढ़े. दारा शिकोह ने उपनिषद और अन्य हिंदू धार्मिक शास्त्रों की पढ़ाई की.
इसके साथ ही उन्होंने उसने बहुत से हिंदू धर्म ग्रंथो का फारसी भाषा में अनुवाद भी करवाया.
इसके चलते कई मुस्लिम धार्मिक गुरु उससे नाराज थे तो वहीं हिंदू धर्म के लोग उसके काफी करीब आ गए थे. और यही कारण था कि मुगल सल्तनत के कई लोग उसे पंडित जी भी कहा करते थे.
दारा शिकोह को सैन्य और प्रशासनिक मामलों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी. लेकिन फिर भी शाहजहां अपने बड़े बेटे दारा शिकोह को राजा बनना चाहता था.
क्योंकि उसकी नजर में दारा शिकोह एक समझदार और बुद्धिमान व्यक्ति था, जो हिंदुस्तान को बड़े ही अच्छे तरीके से चला सकता था.
लेकिन शाहजहां के छोटे बेटे औरंगजेब को यह बात रास नहीं आई उसे लगा कि दारा शिकोह अगर राजा बन गया तो इस्लाम धर्म खतरे में आ जाएगा.
इसी के चलते उसने अपने ही पिता को कैद कर लिया और अपने भाई दारा शिकोह का सिर कलम कर दिया.