आपको मालूम है दिवाली में बनाई जाने वाली रंगोली का क्या महत्व है? यहां जानें
दीपावली का त्योहार भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों को लाइट, फूल, दीप और रंगोली जैसी चीजों से सजाते हैं.
इस साल दीपावली शुक्रवार 1 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी. अगर आप भी अपने घर या ऑफिस को रंगोली से सजाना चाहते हैं, तो आपको इसके पीछे की पूरी कहानी बताते हैं.
रंगोली दीपावली पर क्यों बनाते हैं, दीपावली पर रंगोली बनाने के पीछे क्या मान्यता है.
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, रंगोली को कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले बनाने से वहां पर सकारात्मक ऊर्जा पैदा होने के साथ ही अगर उस स्थान पर कोई भी नकारात्मक ऊर्जा हो तो उसका भी नाश हो जाता हैं.
इसको लेकर दिल्ली के प्रसिद्ध कालका जी मंदिर के पंडित आशीष ने बताया कि देवी-देवताओं के स्वागत के लिए रंगोली बनाई जाती है.
उन्होंने बताया कि खासकर मां लक्ष्मी के घर में आगमन के लिए रंगोली मुख्य द्वार में बनाना शुभ माना जाता है. ऐसा ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
दूसरी मान्यता यह है कि भगवान राम जी जब 14 साल का वनवास काट कर आए थे. तब अयोध्या में लोगों ने स्वागत के लिए हर घर में रंगोली बनाकर और दीप जलाकर राम जी का बड़े धूमधाम से स्वागत किया था.
रंगोली दीपावली के पर्व पर प्राचीनकाल से बनती आ रही है. रंगोली शब्द प्राचीन दृष्टिकोण से संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ रंगों के जरिए भावों को दर्शाना होता है.
वहीं भारत में रंगोली को कई जगह अल्पना नाम से भी जाना जाता है. वहीं अब रंगोली बनाने की बात करें, तो रंगोली को फूलों से, रंग से, गुलाल से, एवं आटा से इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है.
इसकी डिजाइन दिवाली पूजन में रंगोली लक्ष्मी जी के पद चिन्ह, स्वास्तिक, कमल का फूल, और मोर जैसे कई डिजाइन अपने घर के द्वार पर बनाते हैं.