क्या आपको मालूम है सेब पर लगे स्टिकर का मतलब? यहां जान लीजिए
दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहर हों या यूपी, बिहार का कोई छोटा जिला. हर जगह अब आपको ज्यादातर स्टीकर लगे सेब-संतरे ही बिकते दिखते होंगे.
फलों पर स्टीकर लगा देख ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि यह प्रीमियम क्वालिटी का और बाहर से इम्पोर्ट किया गया फ्रूट है. इसकी क्वालिटी जबरदस्त होगी तो कुछ महंगा खरीदने में भी कोई हर्ज नहीं.
फल बेचने वाला भी ग्राहक की इसी मानसिकता का जमकर फायदा उठाते हैं और आपको प्रीमियम क्वालिटी और विदेश से मंगाने की बात कहकर जमकर चूना भी लगाते हैं.
सेब हो या संतरा ऐसे हर फ्रूट पर आपको मॉल से लेकर रेहड़ी-पटरी तक स्टीकर लगे दिख जाएंगे.
ऐसे फ्रूट को खरीदने में भी लोग तरजीह देते हैं, लेकिन 100 में 99 लोगों को इसका असली मकसद नहीं पता होगा.
जैसा हमने बताया कि ज्यादातर लोग इसे प्रीमियम क्वालिटी और इम्पोर्ट किया फल मानते हैं, लेकिन आज हम आपका यह भ्रम दूर कर देते हैं.
दरअसल, इन स्टीकर्स का न तो एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट से कोई लेना देना है और न ही फलों की कीमत से, बल्कि यह सीधे तौर पर आपकी सेहत से जुड़ा होता है.
आपने देखा होगा कि कुछ फलों के स्टीकर पर 5 डिजिट में नबंर लिखे होते हैं. इन नंबरों की शुरुआत 8 से होती है. जैसे 84131 या 86532 आदि नंबर लिखे होते हैं तो इसका मतलब ये हुआ कि ऐसे फल जेनेटिकली मोडिफाइड हैं.
यानी यह फल प्राकृतिक नहीं हैं, बल्कि लैब में विकसित किए गए हैं. इनकी कीमत केमिकल और कीटनाशक वाले फलों से ज्यादा होती है.