क्या आपको पता है? किन-किन कर्तव्यों को पूरा करने की शपथ लेते हैं प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी आज (9 जून) भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ तीसरी बार लेंगे. दिल्ली में शपथ समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. पूरा कार्यक्रम कड़ी सुरक्षा में आयोजित हो रहा है.
देश के आजाद होने के बाद ऐसा केवल दूसरी बार हुआ है जब किसी एक नेता ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली हो.
नरेंद्र मोदी से पहले केवल जवाहरलाल नेहरू ने 1952,1957 और 1962 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
चलिए इस मौके पर जानते हैं कि प्रधानमंत्री, राज्य मंत्री और बाकी चुने गए सांसद अपनी शपथ में किन कर्तव्यों का पालन करने की शपथ लेते हैं.
शपथ को लेकर संविधान के आर्टिकल 99 में जिक्र है. इसमें कहा गया है कि लोकसभा सदन में बैठने से पहले संसद के सदस्यों को
राष्ट्रपति या उनकी ओर से इस काम के लिए नियुक्त किए गए व्यक्ति के सामने शपथ लेनी पड़ती है. शपथ का प्रारूप, संविधान की तीसरी अनुसूची में है.
संघ के मंत्रियों को दो शपथ लेनी होती है. एक पद के लिए और दूसरी गोपनीयता की. संसद का सदस्य बनने पर केवल एक ही शपथ होती है.
मैं,अमुक, ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा.
मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा. मैं संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्त्वयों को श्रद्धापवर्कू
और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोग के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.
मैं,अमुक, ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि जो विषय संघ के मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा
अथवा मुझे ज्ञात होगा उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को, तब के सिवाय जबकि ऐसे मंत्री के रूप में अपने कर्त्वयों के
सम्यक् निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा.”
मैं,अमुक, जो लोक सभा का सदस्य निर्वाचित हुआ हूं ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा.
मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा अथवा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूं उसके कर्तव्यों को श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगा.”