आमतौर पर भारत में लोग हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं जिसमें मां, पिताजी, भाई, बहन, दादा-दादी, नाना-नानी जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं.
लेकिन सदियों से चलती आ रही संस्कृत भाषा जिसे देवनागरिक कहा जाता है. उसमें इन सब चीजों का वर्णन कुछ अलग है .
ऐसे में आज हम आपको मजेदार शब्द के बारे में बताएंगे, जिसे बारे में करीब 99% लोगों को इसका जवाब नहीं मालूम होगा.
क्या आप जानते हैं आखिर नानी, नानी या दादा दादी को संस्कृत में क्या कहेंगे. अगर नहीं पता तो आज जान लीजिए.
दरअसल संस्कृत में नानी को कुछ और नहीं बल्कि मातामही कहा जाता है.
वहीं नाना यानी मां के पिता को संस्कृत भाषा में मातामह कहा जाता है.
इसके बाद पिता के पिता यानी दादा जी को संस्कृत भाषा में पितामह शब्द का प्रयोग किया जाता है.
वहीं पिता के मां यानी दादी जी को संस्कृत भाषा में पितामही शब्द का प्रयोग किया जाता है.