आपको मालूम है क्या होती है गट फीलिंग? यहां जान लीजिए इसकी सच्चाई
गट फीलिंग को हमारा सिक्स्थ सेंस कहा जाता है. यह हमारे अनुभवों और यादों के आधार पर आने वाला अहसास होता है.
जब हमें किसी चीज के बारे में पहले से ही आभास हो जाता है, तो यह गट फीलिंग होती है. इसे इंट्यूशन भी कहा जाता है.
गट फीलिंग आमतौर पर तब आती है, जब हमने पहले से उसी तरह का अनुभव लिया हो या वह मुद्दा हमें उसी तरह की किसी और बात की याद दिलाता हो.
दरअसल, गट फीलिंग का कनेक्शन पेट में मौजूद एंटरिक नर्वस सिस्टम (ENS) से माना जाता है.
वहीं, इसको अकसर शरीर का "दूसरा मस्तिष्क" कहा जाता है. यह पाचन तंत्र की दीवारों में होता है और यह मस्तिष्क के समान ही रसायनों और कोशिकाओं का इस्तेमाल करता है.
यह पाचन में मदद करता है और गड़बड़ी होने पर मस्तिष्क को सचेत करता है.
पेट और दिमाग के बीच का संबंध गट-ब्रेन एक्सिस के जरिए होता है.
पेट और दिमाग के बीच संचार एंडोक्राइन पाथवे, न्यूरो पाथवे, और इम्यून पाथवे के माध्यम से होता है.