क्या आपको मालूम है क्या है असम में पहनी जाने वाली मेखेला सादोर? जानें
असम अपने जीवंत त्योहारों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है
वहीं कई परंपराओं में से मेखला सदोर असमिया पहचान और गौरव का एक पुराना प्रतीक है
महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला यह पारंपरिक परिधान विशेष रूप से बिहू और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों के दौरान महत्वपूर्ण महत्व रखता है,
जहां यह अनुष्ठानों और समारोहों में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है
असमिया उत्सवों का प्रतीक बिहू, साल में तीन बार मनाया जाता है. अप्रैल में बोहाग बिहू, अक्टूबर में काटी बिहू और जनवरी में माघ बिहू
प्रत्येक बिहू त्यौहार की अपनी अनूठी परंपराएं और महत्व होते हैं,
जिसमें महिलाएं पारंपरिक बिहू नृत्य के माध्यम से फसल के मौसम के जीवंत उत्सव में भाग लेने के लिए मेखला सदोर पहनती हैं
जिसमें महिलाएं पारंपरिक बिहू नृत्य के माध्यम से फसल के मौसम के जीवंत उत्सव में भाग लेने के लिए मेखला सदोर पहनती हैं
मेखेला सादोर या मेखला चादर असम की महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला एक खास पारंपरिक परिधान है जो दो हिस्सों में होता है और नीचे वाले आधे हिस्से को मेखेला सादोर कहा जाता है