आपको मालूम है फांसी देते वक्त आखिरी बार जल्लाद कैदी से क्या कहता है? जानें

दुनियाभर के सभी देशों में कानून अलग-अलग होते हैं. इन कानूनों के तहत ही किसी कैदी को मौत की सजा दी जाती है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में फांसी देने से पहले क्या नियम है. आइए इस खबर में जानते हैं...

मौत की सजा किसी भी सजा से सबसे बड़ी मानी जाती है. हालांकि सभी देशों में मौत की सजा देने के तरीके और कानून अलग-अलग होते हैं.

कुछ देशों में मौत की सजा देने के लिए फांसी दी जाती है, तो कुछ जगहों पर गोली से मारा जाता है.

बता दें कि मौत की सजा में फांसी देने का प्रावधान भारत समेत मलेशिया, बारबाडोस, बोत्सवाना, तंजानिया, जाम्बिया, जिंबाब्वे, दक्षिण कोरिया देश में है.

वहीं यमन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, थाइलैंड, बहरीन, चिली, इंडोनेशिया, घाना, अर्मीनिया जैसे देशों में गोली मारकर मौत की सजा दी जाती है.

भारत में किसी को फांसी देते समय कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. इसमें फांसी का फंदा, फांसी देने का समय, फांसी की प्रकिया आदि शामिल है.

वहीं भारत में जब किसी अपराधी को फांसी होती है, तो जल्लाद कैदी को फांसी देने से पहले उसके कान में कुछ कहता है.

तो आपको बता दें कि जल्लाद फांसी देने से पहले बोलता है कि मुझे माफ कर दो. हिंदू भाई को राम-राम, मुस्लिम को सलाम, हम क्या कर सकते हैं हम तो है हुकुम के गुलाम. इतना बोलकर जल्लाद फांसी का फंदा खींच देता है.