आपको मालूम है भगवान राम के धनुष का क्या नाम था और क्या है इसके नाम का अर्थ? जानें
श्रीराम की कथा जब भी चलती है और राम-रावण का जिक्र होता है तो उनके धनुष का भी जरूर जीक्र होता है.
कहा जाता है कि राम के पास जो धनुष था वो चमत्कारिक धनुष था लेकिन क्या आपको इसका नाम मालूम है? चलिए हम आपको बताते हैं.
राम और उनके तीन भाइयों को धनुष बाण के साथ अन्य शस्त्रों को चलाने की शिक्षा गुरु वशिष्ठ ने दी थी. तब ये शिक्षा गुरुकुल में दी जाती थी.
आमतौर पर सारे धनुर्धर अपने धनुष खुद बनाते थे. बाण भी खुद बनाकर इसे अभिमंत्रित करते थे. धनुष को बनाने की भी अपनी कला थी. ये खास तरीके से बनाना आसान नहीं था.
हर बड़ा धनुर्धर जो अपने साथ धनुष रखता था उसकी कुछ खासियतें भी होती थीं. उसका एक खास नाम भी होता था. प्राचीन काल में धनुर्धर हमेशा अपने धनुष बाण को साथ रखते थे.
भगवान राम के धनुष का नाम कोदंड था. ये बहुत प्रसिद्ध धनुष था इसीलिए श्रीराम को कोदंड भी कहा जाता था.
कोदंड का अर्थ होता है बांस से बना हुआ. कोदंड एक चमत्कारिक धनुष था जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था इसे तरह-तरह अभिमंत्रित किया गया था.
कोदंड एक ऐसा धनुष था जिसका छोड़ा गया बाण लक्ष्य को भेदकर ही वापस आया था.
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार की बात है कि देवराज इन्द्र के पुत्र जयंत ने श्रीराम की शक्ति को चुनौती देने के लिए अहंकारवश कौवे का रूप धारण किया.