आपको मालूम है 'Gateway of India' का निर्माण कब और किसके द्वारा करवाया था? जानें
भारतीय इतिहास में मुगल वास्तुकला के बाद यूरोपीय वास्तुकला सबसे अधिक देखी जा सकती है जिसका सबसे अच्छा उदाहरण गेटवे ऑफ इंडिया है.
जिसे 20 वीं शताब्दी के दौरान मुंबई भारत में निर्मित किया गया था. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके इतिहास के साथ कुछ रोचक तथ्य.
गेटवे ऑफ़ इंडिया 20वीं सदी में बॉम्बे, भारत में बनाया गया एक मेहराबदार स्मारक है जिसका निर्माण ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के सम्मान में करवाया गया था.
यह स्मारक 1911 में भारत की यात्रा के दौरान अपोलो बंदर में किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के उतरने की याद में बनाया गया था.
इंडो-सरसेनिक शैली में निर्मित गेटवे ऑफ इंडिया की आधारशिला 31 मार्च 1911 को रखी गई थी. यह संरचना बेसाल्ट से बनी एक मेहराब है, जो 26 मीटर (85 फीट) ऊंची है.
जॉर्ज विटेट के अंतिम डिजाइन को 1914 में मंजूरी दी गई और स्मारक का निर्माण 1924 में पूरा हुआ.
गेटवे का इस्तेमाल बाद में वायसराय और बॉम्बे के नए गवर्नर के लिए भारत में एक प्रतीकात्मक औपचारिक प्रवेश द्वार के रूप में किया गया. इसने भारत में प्रवेश और पहुँच की अनुमति दी.
गेटवे ऑफ़ इंडिया दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी मार्ग के अंत में अपोलो बंदर क्षेत्र में तट पर स्थित है और अरब सागर को देखता है.
इस स्मारक को मुंबई का ताजमहल भी कहा जाता है और यह शहर का शीर्ष पर्यटक आकर्षण है.