क्या आप जानते हैं पहली बार घुड़सवारी की शुरुआत कब हुई थी? यहां जानें जवाब
मानवों ने पहली बार कब घुड़सवारी की थी? इस सवाल का जवाब लंबे समय से चली आ रही बहस को और ज्यादा पेचीदा बनाने वाली है.
नए शोध के परिणामों में सामने आए हैरतअंगेज दावे के बीच जानते हैं कि इस सवाल का नया जवाब क्यों पहले से कहीं ज्यादा जटिल हो सकता है?
इन दिनों पुरातत्व वैज्ञानिकों के सामने एक नया सवाल आया है कि क्या घुड़सवारी मानव कंकाल के आकार को बदल सकती है? एक नए अध्ययन के अनुसार, इसका उत्तर बेहद जटिल है.
रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया है कि घुड़सवारी मानव कंकाल पर सूक्ष्म निशान छोड़ती है, लेकिन वे बदलाव इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि लोगों ने अपने जीवनकाल में घोड़े की सवारी की है या नहीं की है.
'मानव कंकाल में घुड़सवारी और परिवहन के परिणामों का पता लगाना' शीर्षक से नए अध्ययन का निष्कर्ष 20 सितंबर को साइंस एडवांसेज पत्रिका में प्रकाशित हुआ था.
यह सवाल कि मनुष्य ने परिवहन के लिए घोड़ों का उपयोग कब शुरू किया, लंबे समय से बहस का विषय रहा है.
इसी के जवाब में 20वीं सदी की शुरुआत में कुर्गन परिकल्पना सामने आई. इसने प्रस्तावित किया कि घोड़ों को पालतू बनाना लगभग 3500 ईसा पूर्व प्राचीन मनुष्यों द्वारा शुरू किया गया था.
उन्हें यमनाया के नाम से जाना जाता था और वे काले सागर के पास रहते थे.
रिसर्चर्स ने दावा किया कि उन्हें घुड़सवारी से कंकालों में घिसावट के सबूत मिले हैं, जो कुर्गन परिकल्पना का समर्थन करते हैं. हालांकि, नए अध्ययन ने उस विश्लेषण के निष्कर्षों के बारे में संदेह की एक इबारत पेश कर दी है.
स्टडी रिपोर्ट की प्रमुख लेखिका लॉरेन होसेक और उनकी टीम ने आधुनिक घुड़सवारों के कई चिकित्सा अध्ययनों और हजारों वर्षों के मानव अवशेषों के रिकॉर्ड की जांच की.
उन्होंने पाया कि कूल्हे के जोड़ के आकार में परिवर्तन, जिसे कुछ शोधकर्ताओं ने शुरुआती घुड़सवारी के सबूत के रूप में जिक्र किया है, विभिन्न गतिविधियों के चलते भी हो सकता है.