आपको मालूम है दुनिया में मंकीपॉक्स का सबसे पहला केस कहां आया था? यहां जानें
कोरोना की तरह अब मंकीपॉक्स भी लोगों को डराने लगा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने इसे लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है.
लेकिन कुछ ही घंटों बाद पता चला कि ये बीमारी अफ्रीका से बाहर फैल गई है. स्वीडन में इसका पहला मरीज सामने आया है.
वहीं अब तक अफ्रीकी देशों से इस बीमारी से 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
वहीं पाकिस्तान में भी इसका पहला केस सामने आ चुका है. इस खतरनाक बीमारी से दुनियाभर में दहशत का माहौल है.
ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर इस बीमारी का सबसे पहले केस कहां सामने आया था?
WHO के अनुसार, इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था. उस समय कॉन्गो के रहने वाले एक 9 महीने के बच्चे में ये संक्रमण मिला था.
इसकी गुत्थी 1970 में तब सुलझी, जब पहली बार एक इंसान इससे संक्रमित मिला. तब कॉन्गो में रहने वाले एक 9 महीने के बच्चे के शरीर पर दाने निकल आए थे.
ये मामला इसलिए भी हैरान कर रहा था क्योंकि 1968 में यहां चेचक पूरी तरह खत्म हो चुका था. इसके बाद जब बच्चे की जांच की गई तो उसमें मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई.
इसके बाद 11 अफ्रीकी देशों में इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के मामले सामने आए थे. दुनिया में मंकीपॉक्स का संक्रमण अफ्रीका से फैला है.
किसी इंसान के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का पहला मामला सामने आने के बाद कई अफ्रीकी देशों में जब बंदरों और गिलहरियों का टेस्ट किया गया तो उनमें मंकीपॉक्स के खिलाफ एंटीबॉडी मिली थी.
इससे वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि मंकीपॉक्स का ओरिजिन सोर्स अफ्रीका ही है. अफ्रीका से ही एशियाई बंदरों में ये वायरस फैला होगा.
इसके बाद कॉन्गो के अलावा बेनिन, कैमरून, गेबन, लाइबेरिया, नाइजीरिया, दक्षिणी सूडान समेत कई अफ्रीकी देशों में इंसानों में मंकीपॉक्स वायरस के कई मामले सामने आने लगे.