क्या आप जानते हैं महात्मा गांधी को सबसे पहले किसने कहा था बापू और राष्ट्रपिता? 

महात्मा गांधी को अलग- अलग नामों से बुलाया जाता है. कोई उन्हें राष्ट्रपिता कहता है कोई उन्हें बापू कहता है तो कोई महात्मा कहता है

महात्मा शब्द संस्कृत से लिया गया है. इस शब्द का मतलब होता है महान आत्मा. गांधी जी को पहली बार कवि रविन्द्र नाथ टैगोर ने महात्मा शब्द से संबोधित किया था

हालांकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि गांधी जी को सबसे पहली बार 1915 में राजवैद्य जीवन राम कालिदास ने उन्हें महात्मा कहकर संबोधित किया था

मार्च 1915 गांधी जी और टैगोर की पहली मुलाकात शांति निकेतन में हुई थी. इसके बाद से इन दोनों महापुरूषों ने देश की आजादी में अहम योगदान दिया।

गांधी जी को बापू नाम बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले गुमनाम किसान से मिला था

दरअसल बिहार के चंपारण जिले में गांधी जी ने निलहा अंग्रेजों द्वारा भारतीय किसानों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी

दरअसल, राजकुमार शुक्ला ने गांधी जी को एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी ने ही उन्हें को चंपारण आने पर विवश कर दिया था.

उस गुमनाम किसान को आज दुनिया राजकुमार शुक्ल के नाम से जानती है

मोहनदास करमचन्द गांधी को पहली बार नेताजी सुभाष चन्द्रबोस ने राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया था

4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए महात्मा गांधी को ‘देश का पिता’ कहकर संबोधित किया था

इसके बाद 6 जुलाई 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने एक बार फिर रेडियो सिंगापुर से एक संदेश प्रसारित कर गांधी जी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया

गांधी जी के देहांत के बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी रेडियो के माध्यम से देश को संबोधित किया था और कहा था कि 'राष्ट्रपिता अब नहीं रहे'