क्या आपको मालूम है रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखा होता है 'समुद्र तल से ऊंचाई'? जानें
भारतीय रेल से रोजाना करोड़ों लोग सफर करते हैं, लेकिन रेलवे से जुड़े नियम-कायदे और कानून की समझ बहुत ज्यादा यात्रियों को नहीं होती.
ऐसे में जब कोई सवाल उनके सामने आता है तो वे देखने लगते है कि उसका जवाब क्या है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर रेलवे प्लेटफॉर्म के बोर्ड पर दर्ज स्टेशन के नाम के नीचे समुद्र तल से उसकी ऊंचाई क्यों लिखी होती है? चलिए बताते हैं इसके बारे में.
हर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की शुरुआत और आखिरी में पीले रंग का एक बड़ा बोर्ड लगा होता है, जिस पर स्टेशन का नाम और उसके नीचे समुद्र तल से उसकी ऊंचाई लिखी होती है.
ट्रेन में यात्रा करते वक्त हर मुसाफिर इसे पढ़ता है. इससे पहले कि आपको ये बताएं कि यह जानकारी क्यों दी जाती है, पहले यह बता दें कि आखिर समुद्र तल से ऊंचाई क्या होती है?
इंग्लिश में इसे Mean Sea Level कहा जाता है, दुनियाभर में समुद्र का एक समान लेवल होता है, इसलिए Altitude यानी ऊंचाई को सटीक तरीके से नापने के लिए समुद्र तल को आधार माना जाता है.
दरअसल, रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखना यात्रियों के सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है.
रेलवे साइन बोर्ड पर लिखे Mean Sea Level से ट्रेन चालक को इस बात का पता चलता है कि अगर ट्रेन ऊंचाई की तरफ जा रही है तो इसका कितना स्पीड रखना चाहिए.
स्टेशन से समुद्र तल की ऊंचाई से ये भी पता चलता है कि जब ट्रेन ऊंचाई पर जाए तो इंजन को कितनी पावर सप्लाई देनी है.
वहीं, जब नीचे की ओर जाएगी तो ड्राइवर को पता चल जाता है कि कितना फ्रिक्शन लगाना होगा और कितनी स्पीड रखने की जरूरत है. इसलिए सभी स्टेशन पर ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ का इस्तेमाल किया जाता है.