आप जानते हैं दुर्गा पूजा पर केले के पेड़ को दुल्हन की तरह क्यों सजाया जाता है? जानें

पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान श्रद्धालु केले के पेड़ को खूबसूरत दुल्हन की तरह सजाते हैं जिसे 'कोला बोउ' कहा जाता है

इस प्रथा के मुताबिक पेड़ के तने को लाल बॉर्डर वाली साड़ी से लपेटा जाता है जिसे लाल पाढ़ कहते हैं. पेड़ के पत्तों को सिंदूर से सजाया जाता है

सजाए हुए इस पेड़ को फिर पूजा वाले स्थान पर स्थापित किया जाता है जहां पर श्रद्धालु उन पर फूलों का चढ़ावा कर उनकी पूजा करते हैं

श्रद्धालु उस पेड़ के चारों तरफ चंदन का लेप भी लगाते हैं साथ ही वहां अगरबत्तियां भी जलाते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि केले के इस पेड़ को भगवान गणेश की मूर्ति के बगल में स्थापित किया जाता है

इस प्रथा के पीछ एक कथा छुपी हुई है. कहानी ये है कि भगवान गणेश विवाह करने के लिए जा रहे थे लेकिन रास्ते में उन्हें याद आया कि वे कुछ भूल गए हैं

ऐसे में वे वापस घर आए और उन्होंने देखा कि उनकी मां अपने दसों हाथों से एक भरी कटोरी चावल खा रही हैं. सभी को पता है कि भगवान गणेश अपनी मां से कितना प्रेम करते थे

इसलिए उन्होंने मां से पूछा कि वे इतनी जल्दी में क्यों खा रही हैं. इस पर मां दुर्गा ने कहा कि उन्हें असुरक्षा है कि क्या पता उनकी पत्नी उन्हें भरपेट खाना दे या ना दे

ये सुनने के बाद भगवान गणेश फौरन घर से बाहर निकले और एक केला का पेड़ काटा और अपनी मां को थमाते हुए कहा कि आज से ये आपकी बहू है

उनका ऐसा करने का मतलब ये था कि उन्हें कभी भी दिक्कत नहीं होगी और उनका हमेशा खयाल रखा जाएगा